اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ فَاطِرِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ جَاعِلِ الْمَلٰۤىِٕكَةِ رُسُلًاۙ اُولِيْٓ اَجْنِحَةٍ مَّثْنٰى وَثُلٰثَ وَرُبٰعَۗ يَزِيْدُ فِى الْخَلْقِ مَا يَشَاۤءُۗ اِنَّ اللّٰهَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ( فاطر: ١ )
Alhamdu lillahi fatiri alssamawati waalardi ja'ili almalaikati rusulan olee ajnihatin mathna wathulatha waruba'a yazeedu fee alkhalqi ma yashao inna Allaha 'ala kulli shayin qadeerun (Fāṭir 35:1)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो आकाशों और धरती का पैदा करनेवाला है। दो-दो, तीन-तीन और चार-चार फ़रिश्तों को बाज़ुओंवालों सन्देशवाहक बनाकर नियुक्त करता है। वह संरचना में जैसी चाहता है, अभिवृद्धि करता है। निश्चय ही अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है
English Sahih:
[All] praise is [due] to Allah, Creator of the heavens and the earth, [who] made the angels messengers having wings, two or three or four. He increases in creation what He wills. Indeed, Allah is over all things competent. ([35] Fatir : 1)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
हर तरह की तारीफ खुदा ही के लिए (मख़सूस) है जो सारे आसमान और ज़मीन का पैदा करने वाला फरिश्तों का (अपना) क़ासिद बनाने वाला है जिनके दो-दो और तीन-तीन और चार-चार पर होते हैं (मख़लूक़ात की) पैदाइश में जो (मुनासिब) चाहता है बढ़ा देता है बेशक खुदा हर चीज़ पर क़ादिर (व तवाना है)