وَقَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَا تَأْتِيْنَا السَّاعَةُ ۗقُلْ بَلٰى وَرَبِّيْ لَتَأْتِيَنَّكُمْۙ عٰلِمِ الْغَيْبِۙ لَا يَعْزُبُ عَنْهُ مِثْقَالُ ذَرَّةٍ فِى السَّمٰوٰتِ وَلَا فِى الْاَرْضِ وَلَآ اَصْغَرُ مِنْ ذٰلِكَ وَلَآ اَكْبَرُ اِلَّا فِيْ كِتٰبٍ مُّبِيْنٍۙ ( سبإ: ٣ )
Waqala allatheena kafaroo la tateena alssa'atu qul bala warabbee latatiyannakum 'alimi alghaybi la ya'zubu 'anhu mithqalu tharratin fee alssamawati wala fee alardi wala asgharu min thalika wala akbaru illa fee kitabin mubeenin (Sabaʾ 34:3)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिन लोगों ने इनकार किया उनका कहना है कि 'हमपर क़ियामत की घड़ी नहीं आएगी।' कह दो, 'क्यों नहीं, मेरे परोक्ष ज्ञाता रब की क़सम! वह तो तुमपर आकर रहेगी - उससे कणभर भी कोई चीज़ न तो आकाशों में ओझल है और न धरती में, और न इससे छोटी कोई चीज़ और न बड़ी। किन्तु वह एक स्पष्ट किताब में अंकित है। -
English Sahih:
But those who disbelieve say, "The Hour will not come to us." Say, "Yes, by my Lord, it will surely come to you. [Allah is] the Knower of the unseen." Not absent from Him is an atom's weight within the heavens or within the earth or [what is] smaller than that or greater, except that it is in a clear register – ([34] Saba : 3)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और कुफ्फार कहने लगे कि हम पर तो क़यामत आएगी ही नहीं (ऐ रसूल) तुम कह दो हॉ (हॉ) मुझ को अपने उस आलेमुल ग़ैब परवरदिगार की क़सम है जिससे ज़र्रा बराबर (कोई चीज़) न आसमान में छिपी हुई है और न ज़मीन में कि क़यामत ज़रूर आएगी और ज़र्रे से छोटी चीज़ और ज़र्रे से बडी (ग़रज़ जितनी चीज़े हैं सब) वाजेए व रौशन किताब लौहे महफूज़ में महफूज़ हैं