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يَعْلَمُ مَا يَلِجُ فِى الْاَرْضِ وَمَا يَخْرُجُ مِنْهَا وَمَا يَنْزِلُ مِنَ السَّمَاۤءِ وَمَا يَعْرُجُ فِيْهَاۗ وَهُوَ الرَّحِيْمُ الْغَفُوْرُ  ( سبإ: ٢ )

He knows
يَعْلَمُ
वो जानता है
what
مَا
जो कुछ
penetrates
يَلِجُ
दाख़िल होता है
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and what
وَمَا
और जो कुछ
comes out
يَخْرُجُ
निकलता है
from it
مِنْهَا
उससे
and what
وَمَا
और जो कुछ
descends
يَنزِلُ
उतरता है
from
مِنَ
आसमान से
the heaven
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
and what
وَمَا
और जो कुछ
ascends
يَعْرُجُ
चढ़ता है
therein
فِيهَاۚ
उसमें
And He
وَهُوَ
और वो
(is) the Most Merciful
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला है
the Oft-Forgiving
ٱلْغَفُورُ
बहुत बख़्शने वाला है

Ya'lamu ma yaliju fee alardi wama yakhruju minha wama yanzilu mina alssamai wama ya'ruju feeha wahuwa alrraheemu alghafooru (Sabaʾ 34:2)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह जानता है जो कुछ धरती में प्रविष्ट होता है और जो कुथ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और वही अत्यन्त दयावान, क्षमाशील है

English Sahih:

He knows what penetrates into the earth and what emerges from it and what descends from the heaven and what ascends therein. And He is the Merciful, the Forgiving. ([34] Saba : 2)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(जो) चीज़ें (बीज वग़ैरह) ज़मीन में दाख़िल हुई है और जो चीज़ (दरख्त वग़ैरह) इसमें से निकलती है और जो चीज़ (पानी वग़ैरह) आसामन से नाज़िल होती है और जो चीज़ (नज़ारात फरिश्ते वग़ैरह) उस पर चढ़ती है (सब) को जानता है और वही बड़ा बख्शने वाला है