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فَلَمَّا قَضَيْنَا عَلَيْهِ الْمَوْتَ مَا دَلَّهُمْ عَلٰى مَوْتِهٖٓ اِلَّا دَاۤبَّةُ الْاَرْضِ تَأْكُلُ مِنْسَاَتَهٗ ۚفَلَمَّا خَرَّ تَبَيَّنَتِ الْجِنُّ اَنْ لَّوْ كَانُوْا يَعْلَمُوْنَ الْغَيْبَ مَا لَبِثُوْا فِى الْعَذَابِ الْمُهِيْنِۗ   ( سبإ: ١٤ )

Then when
فَلَمَّا
फिर जब
We decreed
قَضَيْنَا
मुक़र्रर किया हमने
for him
عَلَيْهِ
उस पर
the death
ٱلْمَوْتَ
मौत को
not
مَا
ना
indicated to them
دَلَّهُمْ
ख़बर दी उनको
[on]
عَلَىٰ
उसकी मौत की
his death
مَوْتِهِۦٓ
उसकी मौत की
except
إِلَّا
मगर
a creature
دَآبَّةُ
कीड़े ने
(of) the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन के
eating
تَأْكُلُ
वो खाता रहा
his staff
مِنسَأَتَهُۥۖ
उसका असा
But when
فَلَمَّا
फिर जब
he fell down
خَرَّ
वो गिर पड़ा
became clear
تَبَيَّنَتِ
वाज़ेह हो गया
(to) the jinn
ٱلْجِنُّ
जिन्नों पर
that
أَن
कि
if
لَّوْ
अगर
they had
كَانُوا۟
होते वो
known
يَعْلَمُونَ
वो इल्म रखते
the unseen
ٱلْغَيْبَ
ग़ैब का
not
مَا
ना
they (would have) remained
لَبِثُوا۟
वो रहते
in
فِى
अज़ाब में
the punishment
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब में
humiliating
ٱلْمُهِينِ
रुस्वाकुन

Falamma qadayna 'alayhi almawta ma dallahum 'ala mawtihi illa dabbatu alardi takulu minsaatahu falamma kharra tabayyanati aljinnu an law kanoo ya'lamoona alghayba ma labithoo fee al'athabi almuheeni (Sabaʾ 34:14)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर जब हमने उसके लिए मौत का फ़ैसला लागू किया तो फिर उन जिन्नों को उसकी मौत का पता बस भूमि के उस कीड़े ने दिया जो उसकी लाठी को खा रहा था। फिर जब वह गिर पड़ा, तब जिन्नों पर प्रकट हुआ कि यदि वे परोक्ष के जाननेवाले होते तो इस अपमानजनक यातना में पड़े न रहते

English Sahih:

And when We decreed for him [i.e., Solomon] death, nothing indicated to them [i.e., the jinn] his death except a creature of the earth eating his staff. But when he fell, it became clear to the jinn that if they had known the unseen, they would not have remained in humiliating punishment. ([34] Saba : 14)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर जब हमने सुलेमान पर मौत का हुक्म जारी किया तो (मर गए) मगर लकड़ी के सहारे खड़े थे और जिन्नात को किसी ने उनके मरने का पता न बताया मगर ज़मीन की दीमक ने कि वह सुलेमान के असा को खा रही थी फिर (जब खोखला होकर टूट गया और) सुलेमान (की लाश) गिरी तो जिन्नात ने जाना कि अगर वह लोग ग़ैब वॉ (ग़ैब के जानने वाले) होते तो (इस) ज़लील करने वाली (काम करने की) मुसीबत में न मुब्तिला रहते