Skip to main content

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ وَلَهُ الْحَمْدُ فِى الْاٰخِرَةِۗ وَهُوَ الْحَكِيْمُ الْخَبِيْرُ  ( سبإ: ١ )

All praises
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
(be) to Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
the One to Whom belongs
ٱلَّذِى
वो जो
the One to Whom belongs
لَهُۥ
उसी के लिए है
whatever
مَا
जो कुछ
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and whatever
وَمَا
और जो कुछ
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
and for Him
وَلَهُ
और उसी के लिए है
(are) all praises
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
in
فِى
आख़िरत में
the Hereafter
ٱلْءَاخِرَةِۚ
आख़िरत में
And He
وَهُوَ
और वो
(is) the All-Wise
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला है
the All-Aware
ٱلْخَبِيرُ
ख़ूब बाख़बर है

Alhamdu lillahi allathee lahu ma fee alssamawati wama fee alardi walahu alhamdu fee alakhirati wahuwa alhakeemu alkhabeeru (Sabaʾ 34:1)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जिसका वह सब कुछ है जो आकाशों और धरती में है। और आख़िरत में भी उसी के लिए प्रशंसा है। और वही तत्वदर्शी, ख़बर रखनेवाला है

English Sahih:

[All] praise is [due] to Allah, to whom belongs whatever is in the heavens and whatever is in the earth, and to Him belongs [all] praise in the Hereafter. And He is the Wise, the Aware. ([34] Saba : 1)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

हर क़िस्म की तारीफ उसी खुदा के लिए (दुनिया में भी) सज़ावार है कि जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) उसी का है और आख़ेरत में (भी हर तरफ) उसी की तारीफ है और वही वाक़िफकार हकीम है