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سُنَّةَ اللّٰهِ فِى الَّذِيْنَ خَلَوْا مِنْ قَبْلُ ۚوَلَنْ تَجِدَ لِسُنَّةِ اللّٰهِ تَبْدِيْلًا   ( الأحزاب: ٦٢ )

(Such is the) Way
سُنَّةَ
तरीक़ा है
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
with
فِى
उनके बारे में जो
those who
ٱلَّذِينَ
उनके बारे में जो
passed away
خَلَوْا۟
गुज़र चुके
before
مِن
उससे पहले
before
قَبْلُۖ
उससे पहले
and never
وَلَن
और हरगिज़ ना
you will find
تَجِدَ
आप पाऐंगे
in (the) Way
لِسُنَّةِ
तरीक़े में
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
any change
تَبْدِيلًا
कोई तब्दीली

Sunnata Allahi fee allatheena khalaw min qablu walan tajida lisunnati Allahi tabdeelan (al-ʾAḥzāb 33:62)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यही अल्लाह की रीति रही है उन लोगों के विषय में भी जो पहले गुज़र चुके हैं। और तुम अल्लाह की रीति में कदापि परिवर्तन न पाओगे

English Sahih:

[This is] the established way of Allah with those who passed on before; and you will not find in the way of Allah any change. ([33] Al-Ahzab : 62)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जो लोग पहले गुज़र गए उनके बारे में (भी) खुदा की (यही) आदत (जारी) रही और तुम खुदा की आदत में हरगिज़ तग़य्युर तबद्दुल न पाओगे