يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ قُلْ لِّاَزْوَاجِكَ وَبَنٰتِكَ وَنِسَاۤءِ الْمُؤْمِنِيْنَ يُدْنِيْنَ عَلَيْهِنَّ مِنْ جَلَابِيْبِهِنَّۗ ذٰلِكَ اَدْنٰىٓ اَنْ يُّعْرَفْنَ فَلَا يُؤْذَيْنَۗ وَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ( الأحزاب: ٥٩ )
Ya ayyuha alnnabiyyu qul liazwajika wabanatika wanisai almumineena yudneena 'alayhinna min jalabeebihinna thalika adna an yu'rafna fala yuthayna wakana Allahu ghafooran raheeman (al-ʾAḥzāb 33:59)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ नबी! अपनी पत्नि यों और अपनी बेटियों और ईमानवाली स्त्रियों से कह दो कि वे अपने ऊपर अपनी चादरों का कुछ हिस्सा लटका लिया करें। इससे इस बात की अधिक सम्भावना है कि वे पहचान ली जाएँ और सताई न जाएँ। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है
English Sahih:
O Prophet, tell your wives and your daughters and the women of the believers to bring down over themselves [part] of their outer garments. That is more suitable that they will be known and not be abused. And ever is Allah Forgiving and Merciful. ([33] Al-Ahzab : 59)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ऐ नबी अपनी बीवियों और अपनी लड़कियों और मोमिनीन की औरतों से कह दो कि (बाहर निकलते वक्त) अपने (चेहरों और गर्दनों) पर अपनी चादरों का घूंघट लटका लिया करें ये उनकी (शराफ़त की) पहचान के वास्ते बहुत मुनासिब है तो उन्हें कोई छेड़ेगा नहीं और खुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है