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لَا جُنَاحَ عَلَيْهِنَّ فِيْٓ اٰبَاۤىِٕهِنَّ وَلَآ اَبْنَاۤىِٕهِنَّ وَلَآ اِخْوَانِهِنَّ وَلَآ اَبْنَاۤءِ اِخْوَانِهِنَّ وَلَآ اَبْنَاۤءِ اَخَوٰتِهِنَّ وَلَا نِسَاۤىِٕهِنَّ وَلَا مَا مَلَكَتْ اَيْمَانُهُنَّۚ وَاتَّقِيْنَ اللّٰهَ ۗاِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ شَهِيْدًا   ( الأحزاب: ٥٥ )

(There is) no
لَّا
नहीं कोई गुनाह
blame
جُنَاحَ
नहीं कोई गुनाह
upon them
عَلَيْهِنَّ
उन(औरतों)पर
concerning
فِىٓ
अपने बापों(के सामने आने)में
their fathers
ءَابَآئِهِنَّ
अपने बापों(के सामने आने)में
and not
وَلَآ
और ना
their sons
أَبْنَآئِهِنَّ
अपने बेटों के
and not
وَلَآ
और ना
their brothers
إِخْوَٰنِهِنَّ
अपने भाईयों के
and not
وَلَآ
और ना
sons
أَبْنَآءِ
बेटों के
(of) their brothers
إِخْوَٰنِهِنَّ
अपने भाईयों के
and not
وَلَآ
और ना
sons
أَبْنَآءِ
बेटों के
(of) their sisters
أَخَوَٰتِهِنَّ
अपनी बहनों के
and not
وَلَا
और ना
their women
نِسَآئِهِنَّ
अपनी औरतों के
and not
وَلَا
और ना
what
مَا
उनके जो
they rightfully possess
مَلَكَتْ
मालिक हैं
they rightfully possess
أَيْمَٰنُهُنَّۗ
दाऐं हाथ उनके
And fear
وَٱتَّقِينَ
और डरती रहो
Allah
ٱللَّهَۚ
अल्लाह से
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
is
كَانَ
है
over
عَلَىٰ
ऊपर
all
كُلِّ
हर
things
شَىْءٍ
चीज़ के
a Witness
شَهِيدًا
ख़ूब गवाह

La junaha 'alayhinna fee abaihinna wala abnaihinna wala ikhwanihinna wala abnai ikhwanihinna wala abnai akhawatihinna wala nisaihinna wala ma malakat aymanuhunna waittaqeena Allaha inna Allaha kana 'ala kulli shayin shaheedan (al-ʾAḥzāb 33:55)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

न उनके लिए अपने बापों के सामने होने में कोई दोष है और न अपने बेटों, न अपने भाइयों, न अपने भतीजों, न अपने भांजो, न अपने मेल की स्त्रियों और न जिनपर उन्हें स्वामित्व का अधिकार प्राप्त हो उनके सामने होने में। अल्लाह का डर रखो, निश्चय ही अल्लाह हर चीज़ का साक्षी है

English Sahih:

There is no blame upon them [i.e., women] concerning their fathers or their sons or their brothers or their brothers' sons or their sisters' sons or their women or those their right hands possess [i.e., slaves]. And fear Allah. Indeed Allah is ever, over all things, Witness. ([33] Al-Ahzab : 55)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

औरतों पर न अपने बाप दादाओं (के सामने होने) में कुछ गुनाह है और न अपने बेटों के और न अपने भाईयों के और न अपने भतीजों के और अपने भांजों के और न अपनी (क़िस्म कि) औरतों के और न अपनी लौंडियों के सामने होने में कुछ गुनाह है (ऐ पैग़म्बर की बीबियों) तुम लोग खुदा से डरती रहो इसमें कोई शक ही नहीं की खुदा (तुम्हारे आमाल में) हर चीज़ से वाक़िफ़ है