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تَحِيَّتُهُمْ يَوْمَ يَلْقَوْنَهٗ سَلٰمٌ ۚوَاَعَدَّ لَهُمْ اَجْرًا كَرِيْمًا   ( الأحزاب: ٤٤ )

Their greetings
تَحِيَّتُهُمْ
उनकी दुआ होगी
(on the) Day
يَوْمَ
जिस दिन
they will meet Him
يَلْقَوْنَهُۥ
वो मिलेंगे उससे
(will be) Peace"
سَلَٰمٌۚ
सलाम
and He has prepared
وَأَعَدَّ
और उसने तैयार कर रखा है
for them
لَهُمْ
उनके लिए
a reward
أَجْرًا
अजर
noble
كَرِيمًا
उम्दा/बाइज़्ज़त

Tahiyyatuhum yawma yalqawnahu salamun waa'adda lahum ajran kareeman (al-ʾAḥzāb 33:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिस दिन वे उससे मिलेंगे उनका अभिवादन होगा, सलाम और उनके लिए प्रतिष्ठामय प्रदान तैयार कर रखा है

English Sahih:

Their greeting the Day they meet Him will be, "Peace." And He has prepared for them a noble reward. ([33] Al-Ahzab : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिस दिन उसकी बारगाह में हाज़िर होंगे (उस दिन) उनकी मुरादात (उसकी तरफ से हर क़िस्म की) सलामती होगी और खुदा ने तो उनके वास्ते बहुत अच्छा बदला (बेहश्त) तैयार रखा है