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وَاَنْزَلَ الَّذِيْنَ ظَاهَرُوْهُمْ مِّنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ مِنْ صَيَاصِيْهِمْ وَقَذَفَ فِيْ قُلُوْبِهِمُ الرُّعْبَ فَرِيْقًا تَقْتُلُوْنَ وَتَأْسِرُوْنَ فَرِيْقًاۚ   ( الأحزاب: ٢٦ )

And He brought down
وَأَنزَلَ
और उसने उतारा
those who
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
backed them
ظَٰهَرُوهُم
मदद की उनकी
among
مِّنْ
अहले किताब में से
(the) People
أَهْلِ
अहले किताब में से
(of) the Scripture
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से
from
مِن
उनके क़िलों से
their fortresses
صَيَاصِيهِمْ
उनके क़िलों से
and cast
وَقَذَفَ
और उसने डाल दिया
into
فِى
उनके दिलों में
their hearts
قُلُوبِهِمُ
उनके दिलों में
[the] terror
ٱلرُّعْبَ
रोब
a group
فَرِيقًا
एक गिरोह को
you killed
تَقْتُلُونَ
तुम क़त्ल कर रहे थे
and you took captive
وَتَأْسِرُونَ
और तुम क़ैद कर रहे थे
a group
فَرِيقًا
एक गिरोह को

Waanzala allatheena thaharoohum min ahli alkitabi min sayaseehim waqathafa fee quloobihimu alrru'ba fareeqan taqtuloona watasiroona fareeqan (al-ʾAḥzāb 33:26)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और किताबवालों में सो जिन लोगों ने उसकी सहायता की थी, उन्हें उनकी गढ़ियों से उतार लाया। और उनके दिलों में धाक बिठा दी कि तुम एक गिरोह को जान से मारने लगे और एक गिरोह को बन्दी बनाने लगे

English Sahih:

And He brought down those who supported them among the People of the Scripture from their fortresses and cast terror into their hearts [so that] a party [i.e., their men] you killed, and you took captive a party [i.e., the women and children]. ([33] Al-Ahzab : 26)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अहले किताब में से जिन लोगों (बनी कुरैज़ा) ने उन (कुफ्फार) की मदद की थी खुदा उनको उनके क़िलों से (बेदख़ल करके) नीचे उतार लाया और उनके दिलों में (तुम्हारा) ऐसा रोब बैठा दिया कि तुम उनके कुछ लोगों को क़त्ल करने लगे