وَرَدَّ اللّٰهُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا بِغَيْظِهِمْ لَمْ يَنَالُوْا خَيْرًا ۗوَكَفَى اللّٰهُ الْمُؤْمِنِيْنَ الْقِتَالَ ۗوَكَانَ اللّٰهُ قَوِيًّا عَزِيْزًاۚ ( الأحزاب: ٢٥ )
And Allah turned back
وَرَدَّ
और फेर दिया
And Allah turned back
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
those who
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
in their rage
بِغَيْظِهِمْ
साथ उनके ग़ुस्से के
not
لَمْ
नहीं
they obtained
يَنَالُوا۟
उन्होंने पाई
any good
خَيْرًاۚ
कोई भलाई
And sufficient is
وَكَفَى
और काफ़ी हो गया
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
(for) the believers
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों को
(in) the battle
ٱلْقِتَالَۚ
जंग में
and Allah is
وَكَانَ
और है
and Allah is
ٱللَّهُ
अल्लाह
All-Strong
قَوِيًّا
बहुत क़ुव्वत वाला
All-Mighty
عَزِيزًا
बहुत ज़बरदस्त
Waradda Allahu allatheena kafaroo bighaythihim lam yanaloo khayran wakafa Allahu almumineena alqitala wakana Allahu qawiyyan 'azeezan (al-ʾAḥzāb 33:25)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ने इनकार करनेवालों को उनके अपने क्रोध के साथ फेर दिया। वे कोई भलाई प्राप्त न कर सके। अल्लाह ने मोमिनों को युद्ध करने से बचा लिया। अल्लाह तो है ही बड़ा शक्तिवान, प्रभुत्वशाली
English Sahih:
And Allah repelled those who disbelieved, in their rage, not having obtained any good. And sufficient was Allah for the believers in battle, and ever is Allah Powerful and Exalted in Might. ([33] Al-Ahzab : 25)