وَلَمَّا رَاَ الْمُؤْمِنُوْنَ الْاَحْزَابَۙ قَالُوْا هٰذَا مَا وَعَدَنَا اللّٰهُ وَرَسُوْلُهٗ وَصَدَقَ اللّٰهُ وَرَسُوْلُهٗ ۖوَمَا زَادَهُمْ اِلَّآ اِيْمَانًا وَّتَسْلِيْمًاۗ ( الأحزاب: ٢٢ )
Walamma raa almuminoona alahzaba qaloo hatha ma wa'adana Allahu warasooluhu wasadaqa Allahu warasooluhu wama zadahum illa eemanan watasleeman (al-ʾAḥzāb 33:22)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जब ईमानवालों ने सैन्य दलों को देखा तो वे पुकार उठे, 'यह तो वही चीज़ है, जिसका अल्लाह और उसके रसूल ने हमसे वादा किया था। और अल्लाह और उसके रसूल ने सच कहा था।' इस चीज़ ने उनके ईमान और आज्ञाकारिता ही को बढ़ाया
English Sahih:
And when the believers saw the companies, they said, "This is what Allah and His Messenger had promised us, and Allah and His Messenger spoke the truth." And it increased them only in faith and acceptance. ([33] Al-Ahzab : 22)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जब सच्चे ईमानदारों ने (कुफ्फार के) जमघटों को देखा तो (बेतकल्लुफ़) कहने लगे कि ये वही चीज़ तो है जिसका हम से खुदा ने और उसके रसूल ने वायदा किया था (इसकी परवाह क्या है) और खुदा ने और उसके रसूल ने बिल्कुल ठीक कहा था और (इसके देखने से) उनका ईमानदार और उनकी इताअत और भी ज़िन्दा हो गयी