اَشِحَّةً عَلَيْكُمْ ۖ فَاِذَا جَاۤءَ الْخَوْفُ رَاَيْتَهُمْ يَنْظُرُوْنَ اِلَيْكَ تَدُوْرُ اَعْيُنُهُمْ كَالَّذِيْ يُغْشٰى عَلَيْهِ مِنَ الْمَوْتِۚ فَاِذَا ذَهَبَ الْخَوْفُ سَلَقُوْكُمْ بِاَلْسِنَةٍ حِدَادٍ اَشِحَّةً عَلَى الْخَيْرِۗ اُولٰۤىِٕكَ لَمْ يُؤْمِنُوْا فَاَحْبَطَ اللّٰهُ اَعْمَالَهُمْۗ وَكَانَ ذٰلِكَ عَلَى اللّٰهِ يَسِيْرًا ( الأحزاب: ١٩ )
Ashihhatan 'alaykum faitha jaa alkhawfu raaytahum yanthuroona ilayka tadooru a'yunuhum kaallathee yughsha 'alayhi mina almawti faitha thahaba alkhawfu salaqookum bialsinatin hidadin ashihhatan 'ala alkhayri olaika lam yuminoo faahbata Allahu a'malahum wakana thalika 'ala Allahi yaseeran (al-ʾAḥzāb 33:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम्हारे साथ कृपणता से काम लेते है। अतः जब भय का समय आ जाता है, तो तुम उन्हें देखते हो कि वे तुम्हारी ओर इस प्रकार ताक रहे कि उनकी आँखें चक्कर खा रही है, जैसे किसी व्यक्ति पर मौत की बेहोशी छा रही हो। किन्तु जब भय जाता रहता है तो वे माल के लोभ में तेज़ ज़बाने तुमपर चलाते है। ऐसे लोग ईमान लाए ही नहीं। अतः अल्लाह ने उनके कर्म उनकी जान को लागू कर दिए। और यह अल्लाह के लिए बहुत सरल है
English Sahih:
Indisposed toward you. And when fear comes, you see them looking at you, their eyes revolving like one being overcome by death. But when fear departs, they lash you with sharp tongues, indisposed toward [any] good. Those have not believed, so Allah has rendered their deeds worthless, and ever is that, for Allah, easy. ([33] Al-Ahzab : 19)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और चल दिए और जब (उन पर) कोई ख़ौफ (का मौक़ा) आ पड़ा तो देखते हो कि (आस से) तुम्हारी तरफ देखते हैं (और) उनकी ऑंखें इस तरह घूमती हैं जैसे किसी शख्स पर मौत की बेहोशी छा जाए फिर वह ख़ौफ (का मौक़ा) जाता रहा और ईमानदारों की फतेह हुई तो माले (ग़नीमत) पर गिरते पड़ते फौरन तुम पर अपनी तेज़ ज़बानों से ताना कसने लगे ये लोग (शुरू) से ईमान ही नहीं लाए (फक़त ज़बानी जमा ख़र्च थी) तो खुदा ने भी इनका किया कराया सब अकारत कर दिया और ये तो खुदा के वास्ते एक (निहायत) आसान बात थी