تَتَجَافٰى جُنُوْبُهُمْ عَنِ الْمَضَاجِعِ يَدْعُوْنَ رَبَّهُمْ خَوْفًا وَّطَمَعًاۖ وَّمِمَّا رَزَقْنٰهُمْ يُنْفِقُوْنَ ( السجدة: ١٦ )
Forsake
تَتَجَافَىٰ
अलग रहते हैं
their sides
جُنُوبُهُمْ
पहलू उनके
from
عَنِ
बिस्तरों से
(their) beds;
ٱلْمَضَاجِعِ
बिस्तरों से
they call
يَدْعُونَ
वो पुकारते हैं
their Lord
رَبَّهُمْ
अपने रब को
(in) fear
خَوْفًا
ख़ौफ़
and hope
وَطَمَعًا
और उम्मीद से
and out of what
وَمِمَّا
और उसमें से जो
We have provided them
رَزَقْنَٰهُمْ
रिज़्क़ दिया हमने उन्हें
they spend
يُنفِقُونَ
वो ख़र्च करते हैं
Tatajafa junoobuhum 'ani almadaji'i yad'oona rabbahum khawfan watama'an wamimma razaqnahum yunfiqoona (as-Sajdah 32:16)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनके पहलू बिस्तरों से अलग रहते है कि वे अपने रब को भय और लालसा के साथ पुकारते है, और जो कुछ हमने उन्हें दिया है उसमें से ख़र्च करते है
English Sahih:
Their sides part [i.e., they arise] from [their] beds; they supplicate their Lord in fear and aspiration, and from what We have provided them, they spend. ([32] As-Sajdah : 16)