Skip to main content

وَلَقَدْ ضَرَبْنَا لِلنَّاسِ فِيْ هٰذَا الْقُرْاٰنِ مِنْ كُلِّ مَثَلٍۗ وَلَىِٕنْ جِئْتَهُمْ بِاٰيَةٍ لَّيَقُوْلَنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اِنْ اَنْتُمْ اِلَّا مُبْطِلُوْنَ  ( الروم: ٥٨ )

And verily
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
We (have) set forth
ضَرَبْنَا
बयान की हमने
for mankind
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
in
فِى
इल क़ुरआन में
this -
هَٰذَا
इल क़ुरआन में
[the] Quran
ٱلْقُرْءَانِ
इल क़ुरआन में
of
مِن
हर तरह की
every
كُلِّ
हर तरह की
example
مَثَلٍۚ
मिसाल
But if
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
you bring them
جِئْتَهُم
लाऐं आप उनके पास
a sign
بِـَٔايَةٍ
कोई निशानी
surely will say
لَّيَقُولَنَّ
अलबत्ता ज़रूर कहेंगे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
"Not
إِنْ
नहीं
you
أَنتُمْ
हो तुम
(are) except
إِلَّا
मगर
falsifiers"
مُبْطِلُونَ
बातिल परस्त

Walaqad darabna lilnnasi fee hatha alqurani min kulli mathalin walain jitahum biayatin layaqoolanna allatheena kafaroo in antum illa mubtiloona (ar-Rūm 30:58)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने इस क़ुरआन में लोगों के लिए प्रत्येक मिसाल पेश कर दी है। यदि तुम कोई भी निशानी उनके पास ले आओ, जिन लोगों ने इनकार किया है, वे तो यही कहेंगे, 'तुम तो बस झूठ घड़ते हो।'

English Sahih:

And We have certainly presented to the people in this Quran from every [kind of] example. But, [O Muhammad], if you should bring them a sign, the disbelievers will surely say, "You [believers] are but falsifiers." ([30] Ar-Rum : 58)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने तो इस कुरान में (लोगों के समझाने को) हर तरह की मिसल बयान कर दी और अगर तुम उनके पास कोई सा मौजिज़ा ले आओ