Skip to main content

فَيَوْمَىِٕذٍ لَّا يَنْفَعُ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْا مَعْذِرَتُهُمْ وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُوْنَ  ( الروم: ٥٧ )

So that Day
فَيَوْمَئِذٍ
तो उस दिन
not
لَّا
ना नफ़ा देगी
will profit
يَنفَعُ
ना नफ़ा देगी
those who
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
wronged
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
their excuses
مَعْذِرَتُهُمْ
मअज़रत उनकी
and not
وَلَا
और ना
they
هُمْ
वो
will be allowed to make amends
يُسْتَعْتَبُونَ
वो तौबा तलब किए जाऐंगे

Fayawmaithin la yanfa'u allatheena thalamoo ma'thiratuhum wala hum yusta'taboona (ar-Rūm 30:57)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः उस दिन ज़ुल्म करनेवालों को उनका कोई उज़्र (सफाई पेश करना) काम न आएगा और न उनसे यह चाहा जाएगा कि वे किसी यत्न से (अल्लाह के) प्रकोप को टाल सकें

English Sahih:

So that Day, their excuse will not benefit those who wronged, nor will they be asked to appease [Allah]. ([30] Ar-Rum : 57)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो उस दिन सरकश लोगों को न उनकी उज्र माअज़ेरत कुछ काम आएगी और न उनकी सुनवाई होगी