اَللّٰهُ الَّذِيْ يُرْسِلُ الرِّيٰحَ فَتُثِيْرُ سَحَابًا فَيَبْسُطُهٗ فِى السَّمَاۤءِ كَيْفَ يَشَاۤءُ وَيَجْعَلُهٗ كِسَفًا فَتَرَى الْوَدْقَ يَخْرُجُ مِنْ خِلٰلِهٖۚ فَاِذَآ اَصَابَ بِهٖ مَنْ يَّشَاۤءُ مِنْ عِبَادِهٖٓ اِذَا هُمْ يَسْتَبْشِرُوْنَۚ ( الروم: ٤٨ )
Allahu allathee yursilu alrriyaha fatutheeru sahaban fayabsutuhu fee alssamai kayfa yashao wayaj'aluhu kisafan fatara alwadqa yakhruju min khilalihi faitha asaba bihi man yashao min 'ibadihi itha hum yastabshiroona (ar-Rūm 30:48)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ही है जो हवाओं को भेजता है। फिर वे बादलों को उठाती हैं; फिर जिस तरह चाहता है उन्हें आकाश में फैला देता है और उन्हें परतों और टुकड़ियों का रूप दे देता है। फिर तुम देखते हो कि उनके बीच से वर्षा की बूँदें टपकी चली आती है। फिर जब वह अपने बन्दों में से जिनपर चाहता है, उसे बरसाता है। तो क्या देखते है कि वे हर्षित हो उठे
English Sahih:
It is Allah who sends the winds, and they stir the clouds and spread them in the sky however He wills, and He makes them fragments so you see the rain emerge from within them. And when He causes it to fall upon whom He wills of His servants, immediately they rejoice ([30] Ar-Rum : 48)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ख़ुदा ही (क़ादिर तवाना) है जो हवाओं को भेजता है तो वह बादलों को उड़ाए उड़ाए फिरती हैं फिर वही ख़ुदा बादल को जिस तरह चाहता है आसमान में फैला देता है और (कभी) उसको टुकड़े (टुकड़े) कर देता है फिर तुम देखते हो कि बूँदियां उसके दरमियान से निकल पड़ती हैं फिर जब ख़ुदा उन्हें अपने बन्दों में से जिस पर चहता है बरसा देता है तो वह लोग खुशियाँ माानने लगते हैं