وَمِنْ اٰيٰتِهٖٓ اَنْ يُّرْسِلَ الرِّيٰحَ مُبَشِّرٰتٍ وَّلِيُذِيْقَكُمْ مِّنْ رَّحْمَتِهٖ وَلِتَجْرِيَ الْفُلْكُ بِاَمْرِهٖ وَلِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ ( الروم: ٤٦ )
Wamin ayatihi an yursila alrriyaha mubashshiratin waliyutheeqakum min rahmatihi walitajriya alfulku biamrihi walitabtaghoo min fadlihi wala'allakum tashkuroona (ar-Rūm 30:46)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और उसकी निशानियों में से यह भी है कि शुभ सूचना देनेवाली हवाएँ भेजता है (ताकि उनके द्वारा तुम्हें वर्षा की शुभ सूचना मिले) और ताकि वह तुम्हें अपनी दयालुता का रसास्वादन कराए और ताकि उसके आदेश से नौकाएँ चलें और ताकि तुम उसका अनुग्रह (रोज़ी) तलाश करो और कदाचित तुम कृतज्ञता दिखलाओ
English Sahih:
And of His signs is that He sends the winds as bringers of good tidings and to let you taste His mercy [i.e., rain] and so the ships may sail at His command and so you may seek of His bounty, and perhaps you will be grateful. ([30] Ar-Rum : 46)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये भी है कि वह हवाओं को (बारिश) की ख़ुशख़बरी के वास्ते (क़ब्ल से) भेज दिया करता है और ताकि तुम्हें अपनी रहमत की लज्ज़त चखाए और इसलिए भी कि (इसकी बदौलत) कश्तियां उसके हुक्म से चल खड़ी हो और ताकि तुम उसके फज़ल व करम से (अपनी रोज़ी) की तलाश करो और इसलिए भी ताकि तुम शुक्र करो