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بَلِ اتَّبَعَ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْٓا اَهْوَاۤءَهُمْ بِغَيْرِ عِلْمٍۗ فَمَنْ يَّهْدِيْ مَنْ اَضَلَّ اللّٰهُ ۗوَمَا لَهُمْ مِّنْ نّٰصِرِيْنَ  ( الروم: ٢٩ )

Nay
بَلِ
बल्कि
follow
ٱتَّبَعَ
पैरवी की
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों ने जिन्होंने
do wrong
ظَلَمُوٓا۟
ज़ुल्म किया
their desires
أَهْوَآءَهُم
अपनी ख़्वाहिशात की
without
بِغَيْرِ
बग़ैर
knowledge
عِلْمٍۖ
इल्म के
Then who
فَمَن
तो कौन
(can) guide
يَهْدِى
हिदायत दे सकता है
(one) whom
مَنْ
उसको जिसे
Allah has let go astray?
أَضَلَّ
गुमराह कर दे
Allah has let go astray?
ٱللَّهُۖ
अल्लाह
And not
وَمَا
और नहीं
for them
لَهُم
उनके लिए
any
مِّن
मददगारों में से कोई
helpers
نَّٰصِرِينَ
मददगारों में से कोई

Bali ittaba'a allatheena thalamoo ahwaahum bighayri 'ilmin faman yahdee man adalla Allahu wama lahum min nasireena (ar-Rūm 30:29)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

नहीं, बल्कि ये ज़ालिम तो बिना ज्ञान के अपनी इच्छाओं के पीछे चल पड़े। तो अब कौन उसे मार्ग दिखाएगा जिसे अल्लाह ने भटका दिया हो? ऐसे लोगो का तो कोई सहायक नहीं

English Sahih:

But those who wrong follow their [own] desires without knowledge. Then who can guide one whom Allah has sent astray? And for them there are no helpers. ([30] Ar-Rum : 29)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मगर सरकशों ने तो बगैर समझे बूझे अपनी नफसियानी ख्वाहिशों की पैरवी कर ली (और ख़ुदा का शरीक ठहरा दिया) ग़रज़ ख़ुदा जिसे गुमराही में छोड़ दे (फिर) उसे कौन राहे रास्त पर ला सकता है और उनका कोई मददगार (भी) नहीं