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مُنِيبِينَ
रुजूअ करने वाले (बनो)
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
وَٱتَّقُوهُ
और डरो उससे
وَأَقِيمُوا۟
और क़ायम करो
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
وَلَا
और ना
تَكُونُوا۟
तुम हो जाओ
مِنَ
मुशरिकों में से
ٱلْمُشْرِكِينَ
मुशरिकों में से

Muneebeena ilayhi waittaqoohu waaqeemoo alssalata wala takoonoo mina almushrikeena

उसकी ओर रुजू करनेवाले (प्रवृत्त होनेवाले) रहो। और उसका डर रखो और नमाज़ का आयोजन करो और (अल्लाह का) साझी ठहरानेवालों में से न होना,

Tafseer (तफ़सीर )

مِنَ
उन लोगों में से जिन्होंने
ٱلَّذِينَ
उन लोगों में से जिन्होंने
فَرَّقُوا۟
फ़िरक़ा-फ़िरक़ा कर दिया
دِينَهُمْ
अपने दीन को
وَكَانُوا۟
और हो गए वो
شِيَعًاۖ
गिरोह-गिरोह
كُلُّ
हर
حِزْبٍۭ
गिरोह (के लोग)
بِمَا
उस पर जो
لَدَيْهِمْ
उनके पास है
فَرِحُونَ
ख़ुश हैं

Mina allatheena farraqoo deenahum wakanoo shiya'an kullu hizbin bima ladayhim farihoona

उन लोगों में से जिन्होंने अपनी दीन (धर्म) को टुकड़े-टुकड़े कर डाला और गिरोहों में बँट गए। हर गिरोह के पास जो कुछ है, उसी में मग्न है

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذَا
और जब
مَسَّ
पहुँचती है
ٱلنَّاسَ
लोगों को
ضُرٌّ
कोई तक्लीफ़
دَعَوْا۟
वो पुकारते हैं
رَبَّهُم
अपने रब को
مُّنِيبِينَ
रुजूअ करने वाले बन कर
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
ثُمَّ
फिर
إِذَآ
जब
أَذَاقَهُم
वो चखाता है उन्हें
مِّنْهُ
अपनी तरफ़ से
رَحْمَةً
रहमत
إِذَا
यकायक
فَرِيقٌ
एक गिरोह (के लोग)
مِّنْهُم
उनमें से
بِرَبِّهِمْ
अपने रब के साथ
يُشْرِكُونَ
वो शरीक ठहराते हैं

Waitha massa alnnasa durrun da'aw rabbahum muneebeena ilayhi thumma itha athaqahum minhu rahmatan itha fareequn minhum birabbihim yushrikoona

और जब लोगों को कोई तकलीफ़ पहुँचती है तो वे अपने रब को, उसकी ओर रुजू (प्रवृत) होकर पुकारते है। फिर जब वह उन्हें अपनी दयालुता का रसास्वादन करा देता है, तो क्या देखते है कि उनमें से कुछ लोग अपने रब का साझी ठहराने लगे;

Tafseer (तफ़सीर )

لِيَكْفُرُوا۟
ताकि वो नाशुक्री करें
بِمَآ
उसकी जो
ءَاتَيْنَٰهُمْۚ
अता किया हमने उन्हें
فَتَمَتَّعُوا۟
तो फ़ायदा उठा लो
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
تَعْلَمُونَ
तुम जान लोगे

Liyakfuroo bima ataynahum fatamatta'oo fasawfa ta'lamoona

ताकि इस प्रकार वे उसके प्रति अकृतज्ञता दिखलाएँ जो कुछ हमने उन्हें दिया है। 'अच्छा तो मज़े उड़ा लो, शीघ्र ही तुम जान लोगे।'

Tafseer (तफ़सीर )

أَمْ
या
أَنزَلْنَا
उतारी हमने
عَلَيْهِمْ
उन पर
سُلْطَٰنًا
कोई दलील
فَهُوَ
तो वो
يَتَكَلَّمُ
वो बताती है
بِمَا
उनको वो जो
كَانُوا۟
हैं वो
بِهِۦ
साथ जिसके
يُشْرِكُونَ
वो शरीक ठहराते

Am anzalna 'alayhim sultanan fahuwa yatakallamu bima kanoo bihi yushrikoona

(क्या उनके देवताओं ने उनकी सहायता की थी) या हमने उनपर ऐसा कोई प्रमाण उतारा है कि वह उसके हक़ में बोलता हो, जो वे उसके साथ साझी ठहराते है

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذَآ
और जब
أَذَقْنَا
चखाते हैं हम
ٱلنَّاسَ
लोगों को
رَحْمَةً
कोई रहमत
فَرِحُوا۟
वो ख़ुश होते हैं
بِهَاۖ
उस पर
وَإِن
और अगर
تُصِبْهُمْ
पहुँचती है उन्हें
سَيِّئَةٌۢ
कोई बुराई
بِمَا
बवजह उसके जो
قَدَّمَتْ
आगे भेजा
أَيْدِيهِمْ
उनके हाथों ने
إِذَا
यकायक
هُمْ
वो
يَقْنَطُونَ
वो मायूस हो जाते हैं

Waitha athaqna alnnasa rahmatan farihoo biha wain tusibhum sayyiatun bima qaddamat aydeehim itha hum yaqnatoona

और जब हम लोगों को दयालुता का रसास्वादन कराते है तो वे उसपर इतराने लगते है; परन्तु जो कुछ उनके हाथों ने आगे भेजा है यदि उसके कारण उनपर कोई विपत्ति आ जाए, तो क्या देखते है कि वे निराश हो रहे है

Tafseer (तफ़सीर )

أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
يَرَوْا۟
उन्होंने देखा
أَنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
يَبْسُطُ
वो फैलाता है
ٱلرِّزْقَ
रिज़्क़
لِمَن
जिसके लिए
يَشَآءُ
वो चाहता है
وَيَقْدِرُۚ
और वो तंग करता है
إِنَّ
बेशक
فِى
इसमें
ذَٰلِكَ
इसमें
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
يُؤْمِنُونَ
जो ईमान लाते हैं

Awalam yaraw anna Allaha yabsutu alrrizqa liman yashao wayaqdiru inna fee thalika laayatin liqawmin yuminoona

क्या उन्होंने विचार नहीं किया कि अल्लाह जिसके लिए चाहता है रोज़ी कुशादा कर देता है और जिसके लिए चाहता है नपी-तुली कर देता है? निस्संदेह इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है, जो ईमान लाएँ

Tafseer (तफ़सीर )

فَـَٔاتِ
पस आप दीजिए
ذَا
क़राबतदार को
ٱلْقُرْبَىٰ
क़राबतदार को
حَقَّهُۥ
हक़ उसका
وَٱلْمِسْكِينَ
और मिसकीन
وَٱبْنَ
और मुसाफ़िर को
ٱلسَّبِيلِۚ
और मुसाफ़िर को
ذَٰلِكَ
ये
خَيْرٌ
बेहतर है
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जो
يُرِيدُونَ
चाहते हैं
وَجْهَ
चेहरा
ٱللَّهِۖ
अल्लाह का
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग हैं
هُمُ
वो
ٱلْمُفْلِحُونَ
जो फ़लाह पाने वाले हैं

Faati tha alqurba haqqahu waalmiskeena waibna alssabeeli thalika khayrun lillatheena yureedoona wajha Allahi waolaika humu almuflihoona

अतः नातेदार को उसका हक़ दो और मुहताज और मुसाफ़िर को भी। यह अच्छा है उनके लिए जो अल्लाह की प्रसन्नता के इच्छुक हों और वही सफल है

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَآ
और जो कुछ
ءَاتَيْتُم
देते हो तुम
مِّن
सूद में से
رِّبًا
सूद में से
لِّيَرْبُوَا۟
ताकि वो बढ़ जाए
فِىٓ
मालों में
أَمْوَٰلِ
मालों में
ٱلنَّاسِ
लोगों के
فَلَا
पस नहीं
يَرْبُوا۟
वो बढ़ता
عِندَ
अल्लाह के यहाँ
ٱللَّهِۖ
अल्लाह के यहाँ
وَمَآ
और जो कुछ
ءَاتَيْتُم
देते हो तुम
مِّن
ज़कात में से
زَكَوٰةٍ
ज़कात में से
تُرِيدُونَ
तुम चाहते हो
وَجْهَ
चेहरा
ٱللَّهِ
अल्लाह का
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
هُمُ
वो
ٱلْمُضْعِفُونَ
जो दो गुना करने वाले हैं

Wama ataytum min riban liyarbuwa fee amwali alnnasi fala yarboo 'inda Allahi wama ataytum min zakatin tureedoona wajha Allahi faolaika humu almud'ifoona

तुम जो कुछ ब्याज पर देते हो, ताकि वह लोगों के मालों में सम्मिलित होकर बढ़ जाए, तो वह अल्लाह के यहाँ नहीं बढ़ता। किन्तु जो ज़कात तुमने अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए दी, तो ऐसे ही लोग (अल्लाह के यहाँ) अपना माल बढ़ाते है

Tafseer (तफ़सीर )

ٱللَّهُ
अल्लाह
ٱلَّذِى
वो है जिसने
خَلَقَكُمْ
पैदा किया तुम्हें
ثُمَّ
फिर
رَزَقَكُمْ
उसने रिज़्क़ दिया तुम्हें
ثُمَّ
फिर
يُمِيتُكُمْ
वो मौत देगा तुम्हें
ثُمَّ
फिर
يُحْيِيكُمْۖ
वो ज़िन्दा करेगा तुम्हें
هَلْ
क्या है
مِن
तुम्हारे शरीकों में से कोई
شُرَكَآئِكُم
तुम्हारे शरीकों में से कोई
مَّن
जो
يَفْعَلُ
करे
مِن
इसमें से
ذَٰلِكُم
इसमें से
مِّن
कोई चीज़
شَىْءٍۚ
कोई चीज़
سُبْحَٰنَهُۥ
पाक है वो
وَتَعَٰلَىٰ
और वो बुलन्दतर है
عَمَّا
उससे जो
يُشْرِكُونَ
वो शरीक ठहराते हैं

Allahu allathee khalaqakum thumma razaqakum thumma yumeetukum thumma yuhyeekum hal min shurakaikum man yaf'alu min thalikum min shayin subhanahu wata'ala 'amma yushrikoona

अल्लाह ही है जिसने तुम्हें पैदा किया, फिर तुम्हें रोज़ी दी; फिर वह तुम्हें मृत्यु देता है; फिर तुम्हें जीवित करेगा। क्या तुम्हारे ठहराए हुए साझीदारों में भी कोई है, जो इन कामों में से कुछ कर सके? महान और उच्च है वह उसमें जो साझी वे ठहराते है

Tafseer (तफ़सीर )