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فَمَنِ افْتَرٰى عَلَى اللّٰهِ الْكَذِبَ مِنْۢ بَعْدِ ذٰلِكَ فَاُولٰۤىِٕكَ هُمُ الظّٰلِمُوْنَ  ( آل عمران: ٩٤ )

Then whoever
فَمَنِ
तो जो कोई
fabricates
ٱفْتَرَىٰ
गढ़ ले
about
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
[the] lie
ٱلْكَذِبَ
झूठ
from
مِنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
that
ذَٰلِكَ
इसके
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
they
هُمُ
वो
(are) the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمُونَ
जो ज़ालिम हैं

Famani iftara 'ala Allahi alkathiba min ba'di thalika faolaika humu althalimoona (ʾĀl ʿImrān 3:94)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अब इसके पश्चात भी जो व्यक्ति झूठी बातें अल्लाह से जोड़े, तो ऐसे ही लोग अत्याचारी है

English Sahih:

And whoever invents about Allah untruth after that – then those are [truly] the wrongdoers. ([3] Ali 'Imran : 94)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उसको (हमारे सामने) पढ़ो फिर उसके बाद भी जो कोई ख़ुदा पर झूठ तूफ़ान जोड़े तो (समझ लो) कि यही लोग ज़ालिम (हठधर्म) हैं