رَبَّنَآ اِنَّكَ جَامِعُ النَّاسِ لِيَوْمٍ لَّا رَيْبَ فِيْهِ ۗاِنَّ اللّٰهَ لَا يُخْلِفُ الْمِيْعَادَ ࣖ ( آل عمران: ٩ )
Our Lord!
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
Indeed You
إِنَّكَ
बेशक तू
will gather
جَامِعُ
जमा करने वाला है
[the] mankind
ٱلنَّاسِ
लोगों को
on a Day
لِيَوْمٍ
एक दिन के लिए
(there is) no
لَّا
नहीं कोई शक
doubt
رَيْبَ
नहीं कोई शक
in it
فِيهِۚ
जिसमें
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं ख़िलाफ़ करता
break
يُخْلِفُ
नहीं ख़िलाफ़ करता
the Promise"
ٱلْمِيعَادَ
वादे के
Rabbana innaka jami'u alnnasi liyawmin la rayba feehi inna Allaha la yukhlifu almee'ada (ʾĀl ʿImrān 3:9)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमारे रब! तू लोगों को एक दिन इकट्ठा करने वाला है, जिसमें कोई संदेह नही। निस्सन्देह अल्लाह अपने वचन के विरुद्ध जाने वाला नही है
English Sahih:
Our Lord, surely You will gather the people for a Day about which there is no doubt. Indeed, Allah does not fail in His promise." ([3] Ali 'Imran : 9)