خٰلِدِيْنَ فِيْهَا ۚ لَا يُخَفَّفُ عَنْهُمُ الْعَذَابُ وَلَا هُمْ يُنْظَرُوْنَۙ ( آل عمران: ٨٨ )
(They will) abide forever
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
in it
فِيهَا
उसमें
Not
لَا
ना हलका किया जाएगा
will be lightened
يُخَفَّفُ
ना हलका किया जाएगा
for them
عَنْهُمُ
उनसे
the punishment
ٱلْعَذَابُ
अज़ाब
and not
وَلَا
और ना
they
هُمْ
वो
will be reprieved
يُنظَرُونَ
वो मोहलत दिए जाऐंगे
Khalideena feeha la yukhaffafu 'anhumu al'athabu wala hum yuntharoona (ʾĀl ʿImrān 3:88)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसी दशा में वे सदैव रहेंगे, न उनकी यातना हल्की होगी और न उन्हें मुहलत ही दी जाएगी
English Sahih:
Abiding eternally therein. The punishment will not be lightened for them, nor will they be reprieved, ([3] Ali 'Imran : 88)