رَبَّنَا لَا تُزِغْ قُلُوْبَنَا بَعْدَ اِذْ هَدَيْتَنَا وَهَبْ لَنَا مِنْ لَّدُنْكَ رَحْمَةً ۚاِنَّكَ اَنْتَ الْوَهَّابُ ( آل عمران: ٨ )
"Our Lord!
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
(Do) not
لَا
ना तू टेढ़ा कर
deviate
تُزِغْ
ना तू टेढ़ा कर
our hearts
قُلُوبَنَا
हमारे दिलों को
after
بَعْدَ
बाद उसके
[when]
إِذْ
जब
You (have) guided us
هَدَيْتَنَا
हिदायत दी तूने हमें
and grant
وَهَبْ
और अता कर
(for) us
لَنَا
हमारे लिए
from
مِن
अपने पास से
Yourself
لَّدُنكَ
अपने पास से
mercy
رَحْمَةًۚ
रहमत
Indeed You
إِنَّكَ
बेशक तू
You
أَنتَ
तू ही है
(are) the Bestower
ٱلْوَهَّابُ
बहुत अता करने वाला
Rabbana la tuzigh quloobana ba'da ith hadaytana wahab lana min ladunka rahmatan innaka anta alwahhabu (ʾĀl ʿImrān 3:8)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमारे रब! जब तू हमें सीधे मार्ग पर लगा चुका है तो इसके पश्चात हमारे दिलों में टेढ़ न पैदा कर और हमें अपने पास से दयालुता प्रदान कर। निश्चय ही तू बड़ा दाता है
English Sahih:
[Who say], "Our Lord, let not our hearts deviate after You have guided us and grant us from Yourself mercy. Indeed, You are the Bestower. ([3] Ali 'Imran : 8)