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وَاَمَّا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ فَيُوَفِّيْهِمْ اُجُوْرَهُمْ ۗ وَاللّٰهُ لَا يُحِبُّ الظّٰلِمِيْنَ  ( آل عمران: ٥٧ )

And as for
وَأَمَّا
और रहे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
believe[d]
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and did
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
[the] righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
then He will grant them in full
فَيُوَفِّيهِمْ
तो वो पूरे पूरे देगा उन्हें
their reward
أُجُورَهُمْۗ
अजर उनके
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो मोहब्बत रखता
love
يُحِبُّ
नहीं वो मोहब्बत रखता
the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों से

Waamma allatheena amanoo wa'amiloo alssalihati fayuwaffeehim ojoorahum waAllahu la yuhibbu alththalimeena (ʾĀl ʿImrān 3:57)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें वह उनका पूरा-पूरा बदला देगा। अल्लाह अत्याचारियों से प्रेम नहीं करता

English Sahih:

But as for those who believed and did righteous deeds, He will give them in full their rewards, and Allah does not like the wrongdoers. ([3] Ali 'Imran : 57)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे (अच्छे) काम किए तो ख़ुदा उनको उनका पूरा अज्र व सवाब देगा और ख़ुदा ज़ालिमों को दोस्त नहीं रखता