وَمُصَدِّقًا لِّمَا بَيْنَ يَدَيَّ مِنَ التَّوْرٰىةِ وَلِاُحِلَّ لَكُمْ بَعْضَ الَّذِيْ حُرِّمَ عَلَيْكُمْ وَجِئْتُكُمْ بِاٰيَةٍ مِّنْ رَّبِّكُمْۗ فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَطِيْعُوْنِ ( آل عمران: ٥٠ )
Wamusaddiqan lima bayna yadayya mina alttawrati waliohilla lakum ba'da allathee hurrima 'alaykum wajitukum biayatin min rabbikum faittaqoo Allaha waatee'ooni (ʾĀl ʿImrān 3:50)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'और मैं तौरात की, जो मेरे आगे है, पुष्टि करता हूँ और इसलिए आया हूँ कि तुम्हारे लिए कुछ उन चीज़ों को हलाल कर दूँ जो तुम्हारे लिए हराम थी। और मैं तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक निशानी लेकर आया हूँ। अतः अल्लाह का डर रखो और मेरी आज्ञा का पालन करो
English Sahih:
And [I have come] confirming what was before me of the Torah and to make lawful for you some of what was forbidden to you. And I have come to you with a sign from your Lord, so fear Allah and obey me. ([3] Ali 'Imran : 50)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और तौरेत जो मेरे सामने मौजूद है मैं उसकी तसदीक़ करता हूं और (मेरे आने की) एक ग़रज़ यह (भी) है कि जो चीजे तुम पर हराम है उनमें से बाज़ को (हुक्मे ख़ुदा से) हलाल कर दूं और मैं तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से (अपनी नबूवत की) निशानी लेकर तुम्हारे पास आया हूं