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يٰمَرْيَمُ اقْنُتِيْ لِرَبِّكِ وَاسْجُدِيْ وَارْكَعِيْ مَعَ الرَّاكِعِيْنَ  ( آل عمران: ٤٣ )

"O Maryam!
يَٰمَرْيَمُ
ऐ मरियम
Be obedient
ٱقْنُتِى
हमेशा इताअत कर
to your Lord
لِرَبِّكِ
अपने रब की
and prostrate
وَٱسْجُدِى
और सजदा कर
and bow down
وَٱرْكَعِى
और रुकू कर
with
مَعَ
साथ रुकू करने वालों के
those who bow down"
ٱلرَّٰكِعِينَ
साथ रुकू करने वालों के

Ya maryamu oqnutee lirabbiki waosjudee wairka'ee ma'a alrraki'eena (ʾĀl ʿImrān 3:43)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'ऐ मरयम! पूरी निष्ठा के साथ अपने रब की आज्ञा का पालन करती रह, और सजदा कर और झुकनेवालों के साथ तू भी झूकती रह।'

English Sahih:

O Mary, be devoutly obedient to your Lord and prostrate and bow with those who bow [in prayer]." ([3] Ali 'Imran : 43)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(तो) ऐ मरियम इसके शुक्र से मैं अपने परवरदिगार की फ़रमाबदारी करूं सजदा और रूकूउ करने वालों के साथ रूकूउ करती रहूं