قَالَ رَبِّ اجْعَلْ لِّيْٓ اٰيَةً ۗ قَالَ اٰيَتُكَ اَلَّا تُكَلِّمَ النَّاسَ ثَلٰثَةَ اَيَّامٍ اِلَّا رَمْزًا ۗ وَاذْكُرْ رَّبَّكَ كَثِيْرًا وَّسَبِّحْ بِالْعَشِيِّ وَالْاِبْكَارِ ࣖ ( آل عمران: ٤١ )
Qala rabbi ij'al lee ayatan qala ayatuka alla tukallima alnnasa thalathata ayyamin illa ramzan waothkur rabbaka katheeran wasabbih bial'ashiyyi waalibkari (ʾĀl ʿImrān 3:41)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'मेरे रब! मेरे लिए कोई आदेश निश्चित कर दे।' कहा, 'तुम्हारे लिए आदेश यह है कि तुम लोगों से तीन दिन तक संकेत के सिवा कोई बातचीत न करो। अपने रब को बहुत अधिक याद करो और सायंकाल और प्रातः समय उसकी तसबीह (महिमागान) करते रहो।'
English Sahih:
He said, "My Lord, make for me a sign." He said, "Your sign is that you will not [be able to] speak to the people for three days except by gesture. And remember your Lord much and exalt [Him with praise] in the evening and the morning." ([3] Ali 'Imran : 41)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ज़करिया ने अर्ज़ की परवरदिगार मेरे इत्मेनान के लिए कोई निशानी मुक़र्रर फ़रमा इरशाद हुआ तुम्हारी निशानी ये है तुम तीन दिन तक लोगों से बात न कर सकोगे मगर इशारे से और (उसके शुक्रिये में) अपने परवरदिगार की अक्सर याद करो और रात को और सुबह तड़के (हमारी) तसबीह किया करो