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قُلْ اَطِيْعُوا اللّٰهَ وَالرَّسُوْلَ ۚ فَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنَّ اللّٰهَ لَا يُحِبُّ الْكٰفِرِيْنَ  ( آل عمران: ٣٢ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"Obey
أَطِيعُوا۟
इताअत करो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and the Messenger"
وَٱلرَّسُولَۖ
और रसूल की
Then if
فَإِن
फिर अगर
they turn away
تَوَلَّوْا۟
वो मुँह फेर जाऐं
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो मोहब्बत करता
love
يُحِبُّ
नहीं वो मोहब्बत करता
the disbelievers
ٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों से

Qul atee'oo Allaha waalrrasoola fain tawallaw fainna Allaha la yuhibbu alkafireena (ʾĀl ʿImrān 3:32)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कह दो, 'अल्लाह और रसूल का आज्ञापालन करो।' फिर यदि वे मुँह मोड़े तो अल्लाह भी इनकार करनेवालों से प्रेम नहीं करता

English Sahih:

Say, "Obey Allah and the Messenger. But if you turn away – then indeed, Allah does not like the disbelievers." ([3] Ali 'Imran : 32)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) कह दो कि ख़ुदा और रसूल की फ़रमाबरदारी करो फिर अगर यह लोग उससे सरताबी करें तो (समझ लें कि) ख़ुदा काफ़िरों को हरगिज़ दोस्त नहीं रखता