قُلْ اِنْ تُخْفُوْا مَا فِيْ صُدُوْرِكُمْ اَوْ تُبْدُوْهُ يَعْلَمْهُ اللّٰهُ ۗوَيَعْلَمُ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ وَاللّٰهُ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ( آل عمران: ٢٩ )
Qul in tukhfoo ma fee sudoorikum aw tubdoohu ya'lamhu Allahu waya'lamu ma fee alssamawati wama fee alardi waAllahu 'ala kulli shayin qadeerun (ʾĀl ʿImrān 3:29)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'यदि तुम अपने दिलों की बात छिपाओ या उसे प्रकट करो, प्रत्येक दशा में अल्लाह उसे जान लेगा। और वह उसे भी जानता है, जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। और अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है।'
English Sahih:
Say, "Whether you conceal what is in your breasts or reveal it, Allah knows it. And He knows that which is in the heavens and that which is on the earth. And Allah is over all things competent. ([3] Ali 'Imran : 29)