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قُلِ اللهم مٰلِكَ الْمُلْكِ تُؤْتِى الْمُلْكَ مَنْ تَشَاۤءُ وَتَنْزِعُ الْمُلْكَ مِمَّنْ تَشَاۤءُۖ وَتُعِزُّ مَنْ تَشَاۤءُ وَتُذِلُّ مَنْ تَشَاۤءُ ۗ بِيَدِكَ الْخَيْرُ ۗ اِنَّكَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ  ( آل عمران: ٢٦ )

Say
قُلِ
कह दीजिए
"O Allah!
ٱللَّهُمَّ
ऐ अल्लाह
Owner
مَٰلِكَ
ऐ मालिक
(of) the Dominion
ٱلْمُلْكِ
बादशाहत के
You give
تُؤْتِى
तू देता है
the dominion
ٱلْمُلْكَ
बादशाहत
(to) whom
مَن
जिसे
You will
تَشَآءُ
तू चाहता है
and You take away
وَتَنزِعُ
और तू छीन लेता है
the dominion
ٱلْمُلْكَ
बादशाहत
from whom
مِمَّن
जिससे
You will
تَشَآءُ
तू चाहता है
and You honor
وَتُعِزُّ
और तू इज़्ज़त देता है
whom
مَن
जिसे
You will
تَشَآءُ
तू चाहता है
and You humiliate
وَتُذِلُّ
और तू ज़िल्लत देता है
whom
مَن
जिसे
You will
تَشَآءُۖ
तू चाहता है
In Your hand
بِيَدِكَ
तेरे ही हाथ में
(is all) the good
ٱلْخَيْرُۖ
भलाई है
Indeed You
إِنَّكَ
बेशक तू
(are) on
عَلَىٰ
ऊपर
every
كُلِّ
हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ के
All-Powerful
قَدِيرٌ
बहुत क़ादिर है

Quli allahumma malika almulki tutee almulka man tashao watanzi'u almulka mimman tashao watu'izzu man tashao watuthillu man tashao biyadika alkhayru innaka 'ala kulli shayin qadeerun (ʾĀl ʿImrān 3:26)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो, 'ऐ अल्लाह, राज्य के स्वामी! तू जिसे चाहे राज्य दे और जिससे चाहे राज्य छीन ले, और जिसे चाहे इज़्ज़त (प्रभुत्व) प्रदान करे और जिसको चाहे अपमानित कर दे। तेरे ही हाथ में भलाई है। निस्संदेह तुझे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है

English Sahih:

Say, "O Allah, Owner of Sovereignty, You give sovereignty to whom You will and You take sovereignty away from whom You will. You honor whom You will and You humble whom You will. In Your hand is [all] good. Indeed, You are over all things competent. ([3] Ali 'Imran : 26)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) तुम तो यह दुआ मॉगों कि ऐ ख़ुदा तमाम आलम के मालिक तू ही जिसको चाहे सल्तनत दे और जिससे चाहे सल्तनत छीन ले और तू ही जिसको चाहे इज्ज़त दे और जिसे चाहे ज़िल्लत दे हर तरह की भलाई तेरे ही हाथ में है बेशक तू ही हर चीज़ पर क़ादिर है