يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اصْبِرُوْا وَصَابِرُوْا وَرَابِطُوْاۗ وَاتَّقُوا اللّٰهَ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ࣖ ( آل عمران: ٢٠٠ )
O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe[d]!
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
Be steadfast
ٱصْبِرُوا۟
सब्र करो
and [be] patient
وَصَابِرُوا۟
और मुक़ाबले में मज़बूत रहो
and [be] constant
وَرَابِطُوا۟
और तैयार रहो
and fear
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
so that you may
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
(be) successful
تُفْلِحُونَ
तुम फ़लाह पा जाओ
Ya ayyuha allatheena amanoo isbiroo wasabiroo warabitoo waittaqoo Allaha la'allakum tuflihoona (ʾĀl ʿImrān 3:200)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ ईमान लानेवालो! धैर्य से काम लो और (मुक़ाबले में) बढ़-चढ़कर धैर्य दिखाओ और जुटे और डटे रहो और अल्लाह से डरते रहो, ताकि तुम सफल हो सको
English Sahih:
O you who have believed, persevere and endure and remain stationed and fear Allah that you may be successful. ([3] Ali 'Imran : 200)