لٰكِنِ الَّذِيْنَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ لَهُمْ جَنّٰتٌ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَا نُزُلًا مِّنْ عِنْدِ اللّٰهِ ۗ وَمَا عِنْدَ اللّٰهِ خَيْرٌ لِّلْاَبْرَارِ ( آل عمران: ١٩٨ )
Lakini allatheena ittaqaw rabbahum lahum jannatun tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha nuzulan min 'indi Allahi wama 'inda Allahi khayrun lilabrari (ʾĀl ʿImrān 3:198)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
किन्तु जो लोग अपने रब से डरते रहे उनके लिए ऐसे बाग़ होंगे जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी। वे उसमें सदैव रहेंगे। यह अल्लाह की ओर से पहला आतिथ्य-सत्कार होगा और जो कुछ अल्लाह के पास है वह नेक और वफ़ादार लोगों के लिए सबसे अच्छा है
English Sahih:
But those who feared their Lord will have gardens beneath which rivers flow, abiding eternally therein, as accommodation from Allah. And that which is with Allah is best for the righteous. ([3] Ali 'Imran : 198)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
मगर जिन लोगों ने अपने परवरदिगार की परहेज़गारी (इख्तेयार की उनके लिए बेहिश्त के) वह बाग़ात हैं जिनके नीचे नहरें जारीं हैं और वह हमेशा उसी में रहेंगे ये ख़ुदा की तरफ़ से उनकी (दावत है और जो साज़ो सामान) ख़ुदा के यहॉ है वह नेको कारों के वास्ते दुनिया से कहीं बेहतर है