ذٰلِكَ بِمَا قَدَّمَتْ اَيْدِيْكُمْ وَاَنَّ اللّٰهَ لَيْسَ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِيْدِۚ ( آل عمران: ١٨٢ )
That
ذَٰلِكَ
ये
(is) because
بِمَا
बवजह उसके जो
(of what) sent forth
قَدَّمَتْ
आगे भेजा
your hands
أَيْدِيكُمْ
तुम्हारे हाथों ने
and that
وَأَنَّ
और बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
is not
لَيْسَ
नहीं
unjust
بِظَلَّامٍ
ज़ुल्म करने वाला
to (His) slaves
لِّلْعَبِيدِ
बन्दों पर
Thalika bima qaddamat aydeekum waanna Allaha laysa bithallamin lil'abeedi (ʾĀl ʿImrān 3:182)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह उसका बदला है जो तुम्हारे हाथों ने आगे भेजा। अल्लाह अपने बन्दों पर तनिक भी ज़ुल्म नहीं करता
English Sahih:
That is for what your hands have put forth and because Allah is not ever unjust to [His] servants." ([3] Ali 'Imran : 182)