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اِنَّمَا ذٰلِكُمُ الشَّيْطٰنُ يُخَوِّفُ اَوْلِيَاۤءَهٗۖ فَلَا تَخَافُوْهُمْ وَخَافُوْنِ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِيْنَ   ( آل عمران: ١٧٥ )

(It is) only
إِنَّمَا
बेशक
that
ذَٰلِكُمُ
ये
the Shaitaan
ٱلشَّيْطَٰنُ
शैतान है
frightens (you)
يُخَوِّفُ
जो डराता है
(of) his allies
أَوْلِيَآءَهُۥ
अपने दोस्तों को
So (do) not
فَلَا
तो ना
fear them
تَخَافُوهُمْ
तुम डरो उनसे
but fear Me
وَخَافُونِ
और डरो मुझसे
if
إِن
अगर
you are
كُنتُم
हो तुम
believers
مُّؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Innama thalikumu alshshaytanu yukhawwifu awliyaahu fala takhafoohum wakhafooni in kuntum mumineena (ʾĀl ʿImrān 3:175)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह तो शैतान है जो अपने मित्रों को डराता है। अतः तुम उनसे न डरो, बल्कि मुझी से डरो, यदि तुम ईमानवाले हो

English Sahih:

That is only Satan who frightens [you] of his supporters. So fear them not, but fear Me, if you are [indeed] believers. ([3] Ali 'Imran : 175)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यह (मुख्बिर) बस शैतान था जो सिर्फ़ अपने दोस्तों को (रसूल का साथ देने से) डराता है पस तुम उनसे तो डरो नहीं अगर सच्चे मोमिन हो तो मुझ ही से डरते रहो