اَلصّٰبِرِيْنَ وَالصّٰدِقِيْنَ وَالْقٰنِتِيْنَ وَالْمُنْفِقِيْنَ وَالْمُسْتَغْفِرِيْنَ بِالْاَسْحَارِ ( آل عمران: ١٧ )
The patient
ٱلصَّٰبِرِينَ
सब्र करने वाले
and the truthful
وَٱلصَّٰدِقِينَ
और सच्चे
and the obedient
وَٱلْقَٰنِتِينَ
और इताअत गुज़ार
and those who spend
وَٱلْمُنفِقِينَ
और ख़र्च करने वाले
and those who seek forgiveness
وَٱلْمُسْتَغْفِرِينَ
और इस्तग़फ़ार करने वाले
[in the] before dawn
بِٱلْأَسْحَارِ
सहरी के वक़्त
Alssabireena waalssadiqeena waalqaniteena waalmunfiqeena waalmustaghfireena bialashari (ʾĀl ʿImrān 3:17)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ये लोग धैर्य से काम लेनेवाले, सत्यवान और अत्यन्त आज्ञाकारी है, ये ((अल्लाह के मार्ग में) खर्च करते और रात की अंतिम घड़ियों में क्षमा की प्रार्थनाएँ करते हैं
English Sahih:
The patient, the true, the obedient, those who spend [in the way of Allah], and those who seek forgiveness before dawn. ([3] Ali 'Imran : 17)