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وَلَا تَحْسَبَنَّ الَّذِيْنَ قُتِلُوْا فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ اَمْوَاتًا ۗ بَلْ اَحْيَاۤءٌ عِنْدَ رَبِّهِمْ يُرْزَقُوْنَۙ  ( آل عمران: ١٦٩ )

And (do) not
وَلَا
और ना
think
تَحْسَبَنَّ
आप हरगिज़ गुमान करें
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनको जो
are killed
قُتِلُوا۟
क़त्ल कर दिए गए
in
فِى
अल्लाह के रास्ते में
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते में
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते में
(as) dead
أَمْوَٰتًۢاۚ
मुर्दे
Nay!
بَلْ
बल्कि
They are alive
أَحْيَآءٌ
ज़िन्दा हैं
near
عِندَ
पास
their Lord;
رَبِّهِمْ
अपने रब के
they are given provision
يُرْزَقُونَ
वो रिज़्क दिए जाते हैं

Wala tahsabanna allatheena qutiloo fee sabeeli Allahi amwatan bal ahyaon 'inda rabbihim yurzaqoona (ʾĀl ʿImrān 3:169)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम उन लोगों को जो अल्लाह के मार्ग में मारे गए है, मुर्दा न समझो, बल्कि वे अपने रब के पास जीवित हैं, रोज़ी पा रहे हैं

English Sahih:

And never think of those who have been killed in the cause of Allah as dead. Rather, they are alive with their Lord, receiving provision, ([3] Ali 'Imran : 169)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो लोग ख़ुदा की राह में शहीद किए गए उन्हें हरगिज़ मुर्दा न समझना बल्कि वह लोग जीते जागते मौजूद हैं अपने परवरदिगार की तरफ़ से वह (तरह तरह की) रोज़ी पाते हैं