هُمْ دَرَجٰتٌ عِنْدَ اللّٰهِ ۗ وَاللّٰهُ بَصِيْرٌ ۢبِمَا يَعْمَلُوْنَ ( آل عمران: ١٦٣ )
They
هُمْ
वो
(are in varying) degrees
دَرَجَٰتٌ
दर्जों में हैं (मुख़्तलिफ़)
near
عِندَ
अल्लाह के नज़दीक
Allah
ٱللَّهِۗ
अल्लाह के नज़दीक
and Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Seer
بَصِيرٌۢ
ख़ूब देखने वाला है
of what
بِمَا
उसको जो
they do
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते हैं
Hum darajatun 'inda Allahi waAllahu baseerun bima ya'maloona (ʾĀl ʿImrān 3:163)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह के यहाँ उनके विभिन्न दर्जे है और जो कुछ वे कर रहे है, अल्लाह की स्पष्ट में है
English Sahih:
They are [varying] degrees in the sight of Allah, and Allah is Seeing of whatever they do. ([3] Ali 'Imran : 163)