اِنْ يَّنْصُرْكُمُ اللّٰهُ فَلَا غَالِبَ لَكُمْ ۚ وَاِنْ يَّخْذُلْكُمْ فَمَنْ ذَا الَّذِيْ يَنْصُرُكُمْ مِّنْۢ بَعْدِهٖ ۗ وَعَلَى اللّٰهِ فَلْيَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُوْنَ ( آل عمران: ١٦٠ )
If
إِن
अगर
helps you
يَنصُرْكُمُ
मदद करे तुम्हारी
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
then not
فَلَا
तो नहीं
(can) overcome
غَالِبَ
कोई ग़ालिब आने वाला
[for] you
لَكُمْۖ
तुम पर
and if
وَإِن
और अगर
He forsakes you
يَخْذُلْكُمْ
वो छोड़ दे तुम्हें
then who
فَمَن
तो कौन है
(is)
ذَا
वो जो
the one who
ٱلَّذِى
वो जो
can help you
يَنصُرُكُم
मदद करेगा तुम्हारी
from?
مِّنۢ
बाद उसके
after Him?
بَعْدِهِۦۗ
बाद उसके
And on
وَعَلَى
और अल्लाह ही पर
Allah
ٱللَّهِ
और अल्लाह ही पर
let put (their) trust
فَلْيَتَوَكَّلِ
पस चाहिए कि तवक्कल किया करें
the believers
ٱلْمُؤْمِنُونَ
ईमान वाले
In yansurkumu Allahu fala ghaliba lakum wain yakhthulkum faman tha allathee yansurukum min ba'dihi wa'ala Allahi falyatawakkali almuminoona (ʾĀl ʿImrān 3:160)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि अल्लाह तुम्हारी सहायता करे, तो कोई तुमपर प्रभावी नहीं हो सकता। और यदि वह तुम्हें छोड़ दे, तो फिर कौन हो जो उसके पश्चात तुम्हारी सहायता कर सके। अतः ईमानवालों को अल्लाह ही पर भरोसा रखना चाहिए
English Sahih:
If Allah should aid you, no one can overcome you; but if He should forsake you, who is there that can aid you after Him? And upon Allah let the believers rely. ([3] Ali 'Imran : 160)