وَلَىِٕنْ قُتِلْتُمْ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ اَوْ مُتُّمْ لَمَغْفِرَةٌ مِّنَ اللّٰهِ وَرَحْمَةٌ خَيْرٌ مِّمَّا يَجْمَعُوْنَ ( آل عمران: ١٥٧ )
And if
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
you are killed
قُتِلْتُمْ
क़त्ल किए जाओ तुम
in
فِى
अल्लाह के रास्ते में
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते में
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते में
or
أَوْ
या
die[d] -
مُتُّمْ
मर जाओ तुम
certainly forgiveness
لَمَغْفِرَةٌ
अलबत्ता बख़्शिश
from
مِّنَ
अल्लाह की तरफ़ से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
and Mercy
وَرَحْمَةٌ
और रहमत
(are) better
خَيْرٌ
बहुत बेहतर है
than what
مِّمَّا
उससे जो
they accumulate
يَجْمَعُونَ
वो जमा कर रहे हैं
Walain qutiltum fee sabeeli Allahi aw muttum lamaghfiratun mina Allahi warahmatun khayrun mimma yajma'oona (ʾĀl ʿImrān 3:157)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और यदि तुम अल्लाह के मार्ग में मारे गए या मर गए, तो अल्लाह का क्षमादान और उसकी दयालुता तो उससे कहीं उत्तम है, जिसके बटोरने में वे लगे हुए है
English Sahih:
And if you are killed in the cause of Allah or die – then forgiveness from Allah and mercy are better than whatever they accumulate [in this world]. ([3] Ali 'Imran : 157)