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سَنُلْقِيْ فِيْ قُلُوْبِ الَّذِيْنَ كَفَرُوا الرُّعْبَ بِمَٓا اَشْرَكُوْا بِاللّٰهِ مَا لَمْ يُنَزِّلْ بِهٖ سُلْطٰنًا ۚ وَمَأْوٰىهُمُ النَّارُ ۗ وَبِئْسَ مَثْوَى الظّٰلِمِيْنَ   ( آل عمران: ١٥١ )

We will cast
سَنُلْقِى
अनक़रीब हम डाल देंगे
in
فِى
दिलों में
(the) hearts
قُلُوبِ
दिलों में
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनके जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
[the] terror
ٱلرُّعْبَ
रौब को
because
بِمَآ
बवजह उसके जो
they associated partners
أَشْرَكُوا۟
उन्होंने शरीक ठहराया
with Allah
بِٱللَّهِ
साथ अल्लाह के
what
مَا
उसको जो
not
لَمْ
नहीं
He sent down
يُنَزِّلْ
उसने नाज़िल की
about it
بِهِۦ
जिसकी
any authority
سُلْطَٰنًاۖ
कोई दलील
and their refuge
وَمَأْوَىٰهُمُ
और ठिकाना उनका
(will be) the Fire
ٱلنَّارُۚ
आग है
and wretched
وَبِئْسَ
और कितना बुरा है
(is the) abode
مَثْوَى
ठिकाना
[of] the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों का

Sanulqee fee quloobi allatheena kafaroo alrru'ba bima ashrakoo biAllahi ma lam yunazzil bihi sultanan wamawahumu alnnaru wabisa mathwa alththalimeena (ʾĀl ʿImrān 3:151)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हम शीघ्र ही इनकार करनेवालों के दिलों में धाक बिठा देंगे, इसलिए कि उन्होंने ऐसी चीज़ो को अल्लाह का साक्षी ठहराया है जिनसे साथ उसने कोई सनद नहीं उतारी, और उनका ठिकाना आग (जहन्नम) है। और अत्याचारियों का क्या ही बुरा ठिकाना है

English Sahih:

We will cast terror into the hearts of those who disbelieve for what they have associated with Allah of which He had not sent down [any] authority. And their refuge will be the Fire, and wretched is the residence of the wrongdoers. ([3] Ali 'Imran : 151)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(तुम घबराओ नहीं) हम अनक़रीब तुम्हारा रोब काफ़िरों के दिलों में जमा देंगे इसलिए कि उन लोगों ने ख़ुदा का शरीक बनाया (भी तो) इस चीज़ बुत को जिसे ख़ुदा ने किसी क़िस्म की हुकूमत नहीं दी और (आख़िरकार) उनका ठिकाना दौज़ख़ है और ज़ालिमों का (भी क्या) बुरा ठिकाना है