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فَاٰتٰىهُمُ اللّٰهُ ثَوَابَ الدُّنْيَا وَحُسْنَ ثَوَابِ الْاٰخِرَةِ ۗ وَاللّٰهُ يُحِبُّ الْمُحْسِنِيْنَ ࣖ   ( آل عمران: ١٤٨ )

So gave them
فَـَٔاتَىٰهُمُ
तो अता किया उन्हें
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
reward
ثَوَابَ
सवाब
(in) the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया का
and good
وَحُسْنَ
और अच्छा
reward
ثَوَابِ
सवाब
(in) the Hereafter
ٱلْءَاخِرَةِۗ
आख़िरत का
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
loves
يُحِبُّ
मोहब्बत रखता है
the good-doers
ٱلْمُحْسِنِينَ
एहसान करने वालों से

Faatahumu Allahu thawaba alddunya wahusna thawabi alakhirati waAllahu yuhibbu almuhsineena (ʾĀl ʿImrān 3:148)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः अल्लाह ने उन्हें दुनिया का भी बदला दिया और आख़िरत का अच्छा बदला भी। और सत्कर्मी लोगों से अल्लाह प्रेम करता है

English Sahih:

So Allah gave them the reward of this world and the good reward of the Hereafter. And Allah loves the doers of good. ([3] Ali 'Imran : 148)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो ख़ुदा ने उनको दुनिया में बदला (दिया) और आख़िरत में अच्छा बदला ईनायत फ़रमाया और ख़ुदा नेकी करने वालों को दोस्त रखता (ही) है