اَمْ حَسِبْتُمْ اَنْ تَدْخُلُوا الْجَنَّةَ وَلَمَّا يَعْلَمِ اللّٰهُ الَّذِيْنَ جَاهَدُوْا مِنْكُمْ وَيَعْلَمَ الصّٰبِرِيْنَ ( آل عمران: ١٤٢ )
Or
أَمْ
क्या
do you think
حَسِبْتُمْ
गुमान किया तुमने
that
أَن
कि
you will enter
تَدْخُلُوا۟
तुम दाख़िल हो जाओगे
Paradise
ٱلْجَنَّةَ
जन्नत में
while has not yet
وَلَمَّا
हालाँकि अभी तक नहीं
made evident
يَعْلَمِ
जाना
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
those who
ٱلَّذِينَ
उन्हें जिन्होंने
strove hard
جَٰهَدُوا۟
जिहाद किया
among you
مِنكُمْ
तुम में से
and made evident
وَيَعْلَمَ
और (ताकि) वो जान ले
the steadfast
ٱلصَّٰبِرِينَ
सब्र करने वालों को
Am hasibtum an tadkhuloo aljannata walamma ya'lami Allahu allatheena jahadoo minkum waya'lama alssabireena (ʾĀl ʿImrān 3:142)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुमने यह समझ रखा है कि जन्नत में यूँ ही प्रवेश करोगे, जबकि अल्लाह ने अभी उन्हें परखा ही नहीं जो तुममें जिहाद (सत्य-मार्ग में जानतोड़ कोशिश) करनेवाले है। - और दृढ़तापूर्वक जमें रहनेवाले है
English Sahih:
Or do you think that you will enter Paradise while Allah has not yet made evident those of you who fight in His cause and made evident those who are steadfast? ([3] Ali 'Imran : 142)