زُيِّنَ لِلنَّاسِ حُبُّ الشَّهَوٰتِ مِنَ النِّسَاۤءِ وَالْبَنِيْنَ وَالْقَنَاطِيْرِ الْمُقَنْطَرَةِ مِنَ الذَّهَبِ وَالْفِضَّةِ وَالْخَيْلِ الْمُسَوَّمَةِ وَالْاَنْعَامِ وَالْحَرْثِ ۗ ذٰلِكَ مَتَاعُ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا ۗوَاللّٰهُ عِنْدَهٗ حُسْنُ الْمَاٰبِ ( آل عمران: ١٤ )
Zuyyina lilnnasi hubbu alshshahawati mina alnnisai waalbaneena waalqanateeri almuqantarati mina alththahabi waalfiddati waalkhayli almusawwamati waalan'ami waalharthi thalika mata'u alhayati alddunya waAllahu 'indahu husnu almaabi (ʾĀl ʿImrān 3:14)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मनुष्यों को चाहत की चीजों से प्रेम शोभायमान प्रतीत होता है कि वे स्त्रिमयाँ, बेटे, सोने-चाँदी के ढेर और निशान लगे (चुने हुए) घोड़े हैं और चौपाए और खेती। यह सब सांसारिक जीवन की सामग्री है और अल्लाह के पास ही अच्छा ठिकाना है
English Sahih:
Beautified for people is the love of that which they desire – of women and sons, heaped-up sums of gold and silver, fine branded horses, and cattle and tilled land. That is the enjoyment of worldly life, but Allah has with Him the best return [i.e., Paradise]. ([3] Ali 'Imran : 14)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
दुनिया में लोगों को उनकी मरग़ूब चीज़े (मसलन) बीवियों और बेटों और सोने चॉदी के बड़े बड़े लगे हुए ढेरों और उम्दा उम्दा घोड़ों और मवेशियों ओर खेती के साथ उलफ़त भली करके दिखा दी गई है ये सब दुनयावी ज़िन्दगी के (चन्द रोज़ा) फ़ायदे हैं और (हमेशा का) अच्छा ठिकाना तो ख़ुदा ही के यहॉ है