وَلَا تَهِنُوْا وَلَا تَحْزَنُوْا وَاَنْتُمُ الْاَعْلَوْنَ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِيْنَ ( آل عمران: ١٣٩ )
And (do) not
وَلَا
और ना
weaken
تَهِنُوا۟
तुम कमज़ोर पड़ो
and (do) not
وَلَا
और ना
grieve
تَحْزَنُوا۟
तुम ग़म करो
and you (will be)
وَأَنتُمُ
और तुम ही
[the] superior
ٱلْأَعْلَوْنَ
बुलन्द हो
if
إِن
अगर
you are
كُنتُم
हो तुम
believers
مُّؤْمِنِينَ
मोमिन
Wala tahinoo wala tahzanoo waantumu ala'lawna in kuntum mumineena (ʾĀl ʿImrān 3:139)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हताश न हो और दुखी न हो, यदि तुम ईमानवाले हो, तो तुम्हीं प्रभावी रहोगे
English Sahih:
So do not weaken and do not grieve, and you will be superior if you are [true] believers. ([3] Ali 'Imran : 139)