اِنْ تَمْسَسْكُمْ حَسَنَةٌ تَسُؤْهُمْۖ وَاِنْ تُصِبْكُمْ سَيِّئَةٌ يَّفْرَحُوْا بِهَا ۗ وَاِنْ تَصْبِرُوْا وَتَتَّقُوْا لَا يَضُرُّكُمْ كَيْدُهُمْ شَيْـًٔا ۗ اِنَّ اللّٰهَ بِمَا يَعْمَلُوْنَ مُحِيْطٌ ࣖ ( آل عمران: ١٢٠ )
In tamsaskum hasanatun tasuhum wain tusibkum sayyiatun yafrahoo biha wain tasbiroo watattaqoo la yadurrukum kayduhum shayan inna Allaha bima ya'maloona muheetun (ʾĀl ʿImrān 3:120)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि तुम्हारा कोई भला होता है तो उन्हें बुरा लगता है। परन्तु यदि तुम्हें कोई अप्रिय बात पेश आती है तो उससे वे प्रसन्न हो जाते है। यदि तुमने धैर्य से काम लिया और (अल्लाह का) डर रखा, तो उनकी कोई चाल तुम्हें नुक़सान नहीं पहुँचा सकती। जो कुछ वे कर रहे है, अल्लाह ने उसे अपने धेरे में ले रखा है
English Sahih:
If good touches you, it distresses them; but if harm strikes you, they rejoice at it. And if you are patient and fear Allah, their plot will not harm you at all. Indeed, Allah is encompassing of what they do. ([3] Ali 'Imran : 120)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ ईमानदारों) अगर तुमको भलाई छू भी गयी तो उनको बुरा मालूम होता है और जब तुमपर कोई भी मुसीबत पड़ती है तो वह ख़ुश हो जाते हैं और अगर तुम सब्र करो और परहेज़गारी इख्तेयार करो तो उनका फ़रेब तुम्हें कुछ भी ज़रर नहीं पहुंचाएगा (क्योंकि) ख़ुदा तो उनकी कारस्तानियों पर हावी है