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هٰٓاَنْتُمْ اُولَاۤءِ تُحِبُّوْنَهُمْ وَلَا يُحِبُّوْنَكُمْ وَتُؤْمِنُوْنَ بِالْكِتٰبِ كُلِّهٖۚ وَاِذَا لَقُوْكُمْ قَالُوْٓا اٰمَنَّاۖ وَاِذَا خَلَوْا عَضُّوْا عَلَيْكُمُ الْاَنَامِلَ مِنَ الْغَيْظِ ۗ قُلْ مُوْتُوْا بِغَيْظِكُمْ ۗ اِنَّ اللّٰهَ عَلِيْمٌ ۢبِذَاتِ الصُّدُوْرِ  ( آل عمران: ١١٩ )

Lo! You are
هَٰٓأَنتُمْ
ख़बरदार तुम
those
أُو۟لَآءِ
वो लोग हो
you love them
تُحِبُّونَهُمْ
तुम मोहब्बत रखते हो उनसे
but not
وَلَا
और नहीं
they love you
يُحِبُّونَكُمْ
वो मोहब्बत रखते तुम से
and you believe
وَتُؤْمِنُونَ
और तुम ईमान रखते हो
in the Book -
بِٱلْكِتَٰبِ
किताब पर
all of it
كُلِّهِۦ
सारी की सारी
And when
وَإِذَا
और जब
they meet you
لَقُوكُمْ
वो मुलाक़ात करते हैं तुमसे
they say
قَالُوٓا۟
वो कहते हैं
"We believe"
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
And when
وَإِذَا
और जब
they are alone
خَلَوْا۟
वो तन्हा होते हैं
they bite
عَضُّوا۟
वो काटते हैं
at you
عَلَيْكُمُ
तुम पर
the finger tips
ٱلْأَنَامِلَ
उँगलियाँ
(out) of
مِنَ
ग़ुस्से से
[the] rage
ٱلْغَيْظِۚ
ग़ुस्से से
Say
قُلْ
कह दीजिए
Die
مُوتُوا۟
मर जाओ
in your rage
بِغَيْظِكُمْۗ
साथ अपने ग़ुस्से के
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) All-Knowing
عَلِيمٌۢ
ख़ूब जानने वाला है
of what
بِذَاتِ
सीनों वाले (भेद)
(is in) the breasts"
ٱلصُّدُورِ
सीनों वाले (भेद)

Haantum olai tuhibboonahum wala yuhibboonakum watuminoona bialkitabi kullihi waitha laqookum qaloo amanna waitha khalaw 'addoo 'alaykumu alanamila mina alghaythi qul mootoo bighaythikum inna Allaha 'aleemun bithati alssudoori (ʾĀl ʿImrān 3:119)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ये चो तुम हो जो उनसे प्रेम करते हो और वे तुमसे प्रेम नहीं करते, जबकि तुम समस्त किताबों पर ईमान रखते हो। और वे जब तुमसे मिलते है तो कहने को तो कहते है कि 'हम ईमान लाए है।' किन्तु जब वे अलग होते है तो तुमपर क्रोध के मारे दाँतों से उँगलियाँ काटने लगते है। कह दो, 'तुम अपने क्रोध में आप मरो। निस्संदेह अल्लाह दिलों के भेद को जानता है।'

English Sahih:

Here you are loving them but they are not loving you, while you believe in the Scripture – all of it. And when they meet you, they say, "We believe." But when they are alone, they bite their fingertips at you in rage. Say, "Die in your rage. Indeed, Allah is Knowing of that within the breasts." ([3] Ali 'Imran : 119)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ लोगों तुम ऐसे (सीधे) हो कि तुम उनसे उलफ़त रखतो हो और वह तुम्हें (ज़रा भी) नहीं चाहते और तुम तो पूरी किताब (ख़ुदा) पर ईमान रखते हो और वह ऐसे नहीं हैं (मगर) जब तुमसे मिलते हैं तो कहने लगते हैं कि हम भी ईमान लाए और जब अकेले में होते हैं तो तुम पर गुस्से के मारे उंगलियों काटते हैं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (काटना क्या) तुम अपने गुस्से में जल मरो जो बातें तुम्हारे दिलों में हैं बेशक ख़ुदा ज़रूर जानता है