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اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَنْ تُغْنِيَ عَنْهُمْ اَمْوَالُهُمْ وَلَآ اَوْلَادُهُمْ مِّنَ اللّٰهِ شَيْـًٔا ۗ وَاُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚ هُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ   ( آل عمران: ١١٦ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
never
لَن
हरगिज़ नहीं
will avail
تُغْنِىَ
काम आऐंगे
[for] them
عَنْهُمْ
उन्हें
their wealth
أَمْوَٰلُهُمْ
माल उनके
and not
وَلَآ
और ना
their children
أَوْلَٰدُهُم
औलाद उनकी
against
مِّنَ
अल्लाह से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह से
anything
شَيْـًٔاۖ
कुछ भी
and those
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग हैं
(are the) companions
أَصْحَٰبُ
साथी
(of) the Fire
ٱلنَّارِۚ
आग के
they
هُمْ
वो
in it
فِيهَا
उसमें
(will) abide forever
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं

Inna allatheena kafaroo lan tughniya 'anhum amwaluhum wala awladuhum mina Allahi shayan waolaika ashabu alnnari hum feeha khalidoona (ʾĀl ʿImrān 3:116)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया, तो अल्लाह के मुक़ाबले में न उनके माल कुछ काम आ सकेंगे और न उनकी सन्तान ही। वे तो आग में जानेवाले लोग है, उसी में वे सदैव रहेंगे

English Sahih:

Indeed, those who disbelieve – never will their wealth or their children avail them against Allah at all, and those are the companions of the Fire; they will abide therein eternally. ([3] Ali 'Imran : 116)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तेयार किया ख़ुदा (के अज़ाब) से बचाने में हरगिज़ न उनके माल ही कुछ काम आएंगे न उनकी औलाद और यही लोग जहन्नुमी हैं और हमेशा उसी में रहेंगे