وَمَا يَفْعَلُوْا مِنْ خَيْرٍ فَلَنْ يُّكْفَرُوْهُ ۗ وَاللّٰهُ عَلِيْمٌ ۢبِالْمُتَّقِيْنَ ( آل عمران: ١١٥ )
And whatever
وَمَا
और जो भी
they do
يَفْعَلُوا۟
वो करेंगे
of
مِنْ
भलाई में से
a good
خَيْرٍ
भलाई में से
then never
فَلَن
तो हरगिज़ नहीं
will they be denied it
يُكْفَرُوهُۗ
वो नाक़द्री किए जाऐंगे उसकी
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Knowing
عَلِيمٌۢ
ख़ूब जानने वाला है
of the God-fearing
بِٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों को
Wama yaf'aloo min khayrin falan yukfaroohu waAllahu 'aleemun bialmuttaqeena (ʾĀl ʿImrān 3:115)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो नेकी भी वे करेंगे, उसकी अवमानना न होगी। अल्लाह का डर रखनेवालो से भली-भाँति परिचित है
English Sahih:
And whatever good they do – never will it be denied them. And Allah is Knowing of the righteous. ([3] Ali 'Imran : 115)