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وَلَا تَكُوْنُوْا كَالَّذِيْنَ تَفَرَّقُوْا وَاخْتَلَفُوْا مِنْۢ بَعْدِ مَا جَاۤءَهُمُ الْبَيِّنٰتُ ۗ وَاُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ عَظِيْمٌ ۙ  ( آل عمران: ١٠٥ )

And (do) not
وَلَا
और ना
be
تَكُونُوا۟
तुम हो जाना
like those who
كَٱلَّذِينَ
उनकी तरह जो
became divided
تَفَرَّقُوا۟
फ़िरक़ा-फ़िरक़ा बन गए
and differed
وَٱخْتَلَفُوا۟
और उन्होंने इख़्तिलाफ़ किया
from
مِنۢ
बाद इसके
after
بَعْدِ
बाद इसके
what
مَا
जो
came to them
جَآءَهُمُ
आ गईं उनके पास
the clear proofs
ٱلْبَيِّنَٰتُۚ
वाज़ेह निशानियाँ
And those
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग हैं
for them
لَهُمْ
उनके लिए
(is) a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब है
great
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा

Wala takoonoo kaallatheena tafarraqoo waikhtalafoo min ba'di ma jaahumu albayyinatu waolaika lahum 'athabun 'atheemun (ʾĀl ʿImrān 3:105)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम उन लोगों की तरह न हो जाना जो विभेद में पड़ गए, और इसके पश्चात कि उनके पास खुली निशानियाँ आ चुकी थी, वे विभेद में पड़ गए। ये वही लोग है, जिनके लिए बड़ी (घोर) यातना है। (यह यातना उस दिन होगी)

English Sahih:

And do not be like the ones who became divided and differed after the clear proofs had come to them. And those will have a great punishment ([3] Ali 'Imran : 105)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और तुम (कहीं) उन लोगों के ऐसे न हो जाना जो आपस में फूट डाल कर बैठ रहे और रौशन (दलील) आने के बाद भी एक मुंह एक ज़बान न रहे और ऐसे ही लोगों के वास्ते बड़ा (भारी) अज़ाब है